क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी में फ्यूचर बनाये | knowledgexyz

क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी में फ्यूचर बनाये | knowledgexyz
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अगर आप डिजिटल वर्ल्‍ड में हासिल करना चाहते हैं एक खास मुकाम, तो क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग हो सकता है बेहतरीन ऑप्‍शन........

क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग...... एक ऐसा टेनोलॉजिकल इनोवेशन, जिसने डिजिटल लैंडस्‍केप में क्रांति-सी ला दी है आइटी इंडस्‍ट्री में आए रिवॉल्‍यूशन की एक बड़ी वजह इसे ही माना जाता हैै। इसने बिजनेस को पहले से कहीं अधिक आसान बना दिया है। वायरस से होने वाले नुकसान के खतरे को कम कर दिया है। गार्टनर की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में इंडिय का क्‍लाउड मार्केट करीब 3 अरब डॉलर के करीब पहुंच जाएगा। इससे नौकरियां बढ़ेगी। अनुमान है कि अब तक करीब 20 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं। 

क्‍या है क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग 
क्‍लाउड आधारित कंप्‍यूटर सिस्‍टम पर काम करने वाले को न तो हार्डड्राइवर की जरूरत होती है, न ही मदर बोर्ड की। लोग सिर्फ की-बोर्ड, माउस, स्‍क्रिन और मॉडम की मदद से कंप्‍यूटर ऑपरेट कर सकते हैं। इससे मैनपॉवर की जरूरत और खर्च कम हो गए हैं। आप कीहं से भी अपने क्‍लाउड पर स्‍टोर डाटा को एक्‍सेस कर सकते हैं। क्‍लाउड मुख्‍य रूप से तीन प्रकार के होते हैं- प्राइवेट, पब्लिक और हाईब्रिड। प्राइवेट क्‍लाउड में कंंपनी को प्राइवेट डोमेन दिया जाता है, जबकि पब्लिक में एक्‍सटर्नल प्रोवाइर्डर्स मल्‍टीपल क्‍लाइंट्स को क्‍लाउड असाइन करते हैं। वहीं, हाइब्रिड क्‍लाउड पब्लिक और प्राइवेट का कॉम्बिनेशन होता है। इसमें सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सिस्‍टम्‍स इंस्‍टाॅल करने की जरूरत नहीं होती। 
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एजुकेशनल क्‍वालिफिकेशन 
क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग में करियर बनाने के लिए स्‍टूडेंट्स के पास किसी रिकग्‍नाइज्‍ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के अलावा क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग में पोस्‍ट ग्रेजुएट डिग्री होनी चाहिए। आप क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग और वर्चुअलाइजेशन में बीटेक, स्‍टोरेज ऐंड क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग में मास्‍टर्स या फिर आइटी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मैनेजमेंट में कोर्स कर सकते हैं। साथ ही, डिम्‍लोमा या डिग्री कोर्स करके भी इस प्रोफेशन में आ सकते हैं। इन दिनों कई एडवांस सर्टिफिकेशन कोर्सेज भी ऑफर किए जा रहे हैं। 

बेसिक स्किल्‍स 
क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग के लिए टेक्निकल और प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट स्किल्‍स होने चाहिए। इसके अलावा, विभिन्‍न सॉफ्टवेयर लैंग्‍वेजेज, आर्किटेक्‍चर और वर्चुअलाइजेशन फ्रेमवर्क की जानकारी रखना अच्‍छा रहेगा। स्‍टूडेंट्स के पास डाटा इंटिग्रेशन, डाटा एनालिटिक्‍स और डाटा माइनिंग जैसी स्किल्‍स उन्‍हें आगे बढ़ने का भरपूर मौका देती है। 

फ्यूचर अपॉर्च्‍युनिटीज 
इंडिया में ई-कॉमर्स कंपनीज और एसएमईज में क्‍लाडड कंप्‍यूटिंग प्रोफेशनल्‍स की काफी डिमांड है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में अगर तमाम एसएमईज क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग को एडॉप्‍ट करती हैं, तो इससे 11 लाख अतिरिक्‍त जॉब अर्पोर्च्‍युनिटीज पैदा होने की संभावना हैै। आप क्‍लाउड सिस्‍टम्‍स एडमिनिस्‍ट्रेटर, क्‍लाउड सर्विस डेवलपर, क्‍लाउड सॉफ्टवेयर इं‍जीनियर, क्‍लाउड आर्किटेक्‍ट, क्‍लाउड कंसल्‍टेंट, क्‍लाउड प्रोडक्‍ट मैनेजर, क्‍लाउड सियोरिटी स्‍पेशलिष्‍ट आदि के तौर पर आइटी इंटस्‍ट्री से जुड़ सकते हैं। 

टॉप इंस्‍टीट्यूटस 
  • इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्‍योरिटी, दिल्‍ली
  • http://iisecurity.in/
  • इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ जॉब ट्रेनिंग, बेंगजुरू 
  • http://www.iijt.net/
  • फोकस्‍ट आइटी एकेडमी, चेन्‍नई 
  • http://www.fita.in/

सस्‍ते में टेक्‍नोलॉजी का फायदा 

 क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग में बड़े सिस्‍टम्‍स को प्राइवेट या पब्लिक नेटवर्क से जोड़कर डाटा और फाइल को स्‍टोर किया जा सकता है। इस टेक्‍नोलॉजी से कंप्‍यूटेशन, कंटेंट स्‍टोरेज और डिलीवरी प्रॉसेस में आने वाला खर्च काफी हद तक कम हो सकता है। इससे ऑर्गेनाइजेशन अपने अंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में अधिक डिजिटल इंटिया बिना, ग्रो कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लॉन्‍च होने से क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग की फील्‍ड में आने वाले वर्षों में युवाओं के लिए अच्‍छी आपॉर्च्‍यूनिटीज क्रिएट होंगी। 

नए आइडिया के साथ शुरुआत 
मेक माइ ट्रिप की शुरुआत वर्ष 2000 में दीप कालरा ने राजेश मागो, सचिन भटिया और केयूर जोशी के साथ मिलकर की थी। दीप कालरा को इंटरनेट अपनी जबर्दस्‍त क्षमताओं की वजह से एक दिलचस्‍प विकल्‍प के रूप में दिखाई दिया और उन्‍होंने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के कुछेक क्षेत्रों में दिलचस्‍पी लेनी शुरू कर दी। उन्‍हें ट्रैवल इंडस्‍ट्री में इंटरनेट के इस्‍तेमाल की जबर्दस्‍त संभावन दिखी और इस तरह से मेक माइ ट्रिप की शुरुआत हुई। पहले भारतीय कारोबार भी अमेरिका से चलने वाली वेबसाइट के माध्‍यम से ही हासिल किया जाता था। कंपनी ने वर्ष 2005 में अपने भारतीय ऑपरेशन की शुरुआत की।   

लगातार चढ़ते रहें सीढि़यां 
जीवन में अगर आप लगातार मेहनत और समर्पण के साथ एक-एक कर सीढि़यां चढ़ते रहें तो एक दिन टॉप पर पहुंचने से आपको कोई नहीं रोक सकता। 1992 में सीए ट्रेनिंग कंप्‍लीट करने के बाद मैंने वोल्‍टास कंपनी ज्‍वााइन कर सबसे पहले कॉरपोरेट जगत में कदम रखा। इस कंपनी में मैंने एक साल तक थाणे और उसके बाद दिल्‍ली में काम किया और वहां काफी कुछ सीखा। इसके बाद मैंने 1995 में एप्‍टेक ज्‍वाइन किया और वहां पांच साल तक काम किया। एप्‍टेक के बाद मैंने एक साल तक एक ई-लर्निंग स्‍टार्ट-अप क्‍वांटम में भी काम किया और वहां से फिर मेक ट्रिप में आ गया। 

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